बात बात पे अब सब्र खोते नहीं है
रो चुके हैं बहुत अब रोते नहीं है..
रो चुके हैं बहुत अब रोते नहीं है..
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दिल ये पागल है तो हुआ करे
होश अपने हम अब खोते नही हैं..
दिल ये पागल है तो हुआ करे
होश अपने हम अब खोते नही हैं..
बेबशी है कोई , जो रहेगी सदा
देखकर लहरें ..कह रहा है कोई
दिल को भी सलीके होते नहीं है ..
नींद आँखों की सो गयी कब से
ये ख़्वाब जाने क्यूं सोते नहीं हैं..!
--वंदना
बहुत ही खुबसूरत ग़ज़ल....
ReplyDeleteबेबसी है कोई, जो रहेगी सदा
ReplyDeleteजज्बात बस में कभी होते नहीं....
वाह! सभी अशआर उम्दा...
सादर...
वाह: बहुत खूबसुरत..गजल..बधाई..
ReplyDeletebahut khoob
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति है!
ReplyDeleteरक्षाबन्धन के पावन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएँ!