Thursday, September 8, 2011

त्रिवेणी




बेबाकियों ने जिंदगी से एक दिन यूं ही पूछ लिया 
किसी की ख़ुशी क्यूं अपनी है .किसी के गम क्यूं अपने है 

जिंदगी बोली अब ये मत पूछना इन पर हक़ अपने क्यूं नहीं !


वंदना 

2 comments:

  1. बहुत गहन अभिव्यक्ति...

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  2. गहन अनुभूति लिए सुन्दर अभिव्यक्ति.....

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तुम्हे जिस सच का दावा है  वो झूठा सच भी आधा है  तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती  जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं  कोरे मन पर महज़ लकीर...