Friday, October 7, 2011

त्रिवेणी





दोस्तों कि आदत भी थे और जरुरत भी 
वक्त के चलते ..अब दोनों ही बदल गयी ..

 जिन्दगी ..रिश्ते और ये बदलते मौसम !!

- वंदना 


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तुम्हे जिस सच का दावा है  वो झूठा सच भी आधा है  तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती  जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं  कोरे मन पर महज़ लकीर...